एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 18 सितंबर 2014

हीरे और इंसान

          हीरे और इंसान

अफ्रिका के लोग काले ,देश वह अश्वेत का,
          मगर हीरे चमचमाते ,वहां के  मशहूर है
गोरे  ,सुन्दर ,श्वेत लोगों से भरा है अमेरिका,
         वहां के सौंदर्य में ,होता गजब का नूर  है
मगर नकली और सस्ते है 'अमरिकन डायमंड '
        दिखने में अच्छे है, उनमे चमक भी भरपूर है
'इण्डिया'की खदानों में ,हीरे है कम निकलते ,
        मगर जो भी निकलते है,होते वो 'कोहिनूर'है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

अलग अलग अनुभूतियाँ

         अलग अलग अनुभूतियाँ

पिता के चरणो को छूते ,मिलता आशीर्वाद है ,
          तरक्की करते रहें और सदा आगे बढें  हम
माँ की गोदी में रखो सर ,मिलता है मन को सुकून ,
       शांति मिलती ,भूल जाते,दुनिया के रंज औ' सितम
और जब आते है अपनी प्रिया के आगोश मे,
        होश गुम होते है सबके ,हो जाते मदहोश   हम  
लेते है गोदी में जब हम ,अपनी ही औलाद को,
       ममता और वात्सल्य रस में ,भीग जाता सबका मन
बहुत दिन के बाद जब मिलते पुराने दोस्त है,
         अलग ही आनंद होता ,लेते है जब   झप्पियां
 हर मिलन में हुआ करती भावनाएं है अलग ,
           इसलिए हर मिलन में होती अलग अनुभूतियाँ

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

अनमेल जोड़ी

             अनमेल  जोड़ी

गले में बन्दर के देता ,मोतियों का हार  है ,
        गधों के भी भाग्य में ,लिख देता चंचल घोड़ियाँ
पत्नी टीचर ,पति फटीचर ,क्या अजब सा मेल है ,
            खुदा तू भी बनाता है  ,कैसे कैसी जोड़ियां
मैंने उससे पूछा तो ये खुदा ने उत्तर दिया ,
           एक से हों मियां बीबी ,तो' ईगो 'टकराएगा ,
एक बेहतर ,एक कमतर ,कर लेते 'एडजस्ट 'है,
          टिकाऊ होती है अक्सर , इस तरह की जोड़ियां

घोटू

टेढ़ी वो अच्छी लगे

           टेढ़ी वो अच्छी  लगे

टेढ़ीमेढ़ी जिंदगी की ,टेढ़ीमेढ़ी राह है,
         टेढ़ेमेढ़े लोग है पर जिंदगी  अच्छी लगे
गोल लड्डू और होती बर्फियां चौकोर है,
        मगर हमको टेढ़ीमेढ़ी जलेबी अच्छी लगे
टेढ़ीमेढ़ी वक्र रेखा से सजा उनका फिगर ,
       उनकी नज़रें टेढ़ी भी हो ,तो हमें अच्छी लगे
बॉस टेढ़े,खुश उन्हें रखना भी टेढ़ी खीर है,
       सास टेढ़ी,उनकी टेढ़ी बेटी भी अच्छी लगे

घोटू

ये रास्ते है प्यार के

           ये रास्ते है प्यार के

पहले पकड़ा हाथ,उँगलियों को सहलाया ,
       पहुँची पकड़ी,फिर उनकी बाहों तक  पहुंचे
आगे बढ़ फिर उनके गालों को सहलाया ,
      और फिर उनके रेशम से बालों तक पहुंचे
फिर डाला जाता है बाहुपाश का घेरा ,
       एक एक कर ,फिर हर  बंधन खुल जाता है
ऐसे ही बस कदम बढ़ा कर धीरे धीरे ,
      'घोटू' अपनी मंजिल तक पहुंचा जाता   है       
'घोटू '

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-