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सोमवार, 21 अक्टूबर 2013

करवा चौथ पर -पत्नी जी के प्रति

        करवा चौथ पर -पत्नी जी के प्रति

मद भरा मृदु गीत हो तुम,सुहाना संगीत हो तुम
प्रियतमे तुम प्रीत मेरी और जीवन गीत हो तुम
बंधा जब बंधन सुहाना ,लिए मुझ संग सात फेरे
वचन था सुख ,दुःख सभी में  ,रहोगी तुम साथ मेरे
पर समझ में नहीं आता ,जमाने की रीत क्या है
मै सलामत रहूँ ,तुमने ,आज दिन भर व्रत रखा है
खूब मै ,खाऊँ पियूं और दिवस भर निर्जल रहो तुम
कुछ न  खाओ ,इसलिए कि  ,उम्र मेरी रहे अक्षुण
तुम्हारे इस कठिन व्रत से ,कौन सुख मुझको मिलेगा
कमल मुख कुम्हला गया तो ,मुझे क्या अच्छा लगेगा
पारिवारिक रीत ,रस्मे , मगर पड़ती  है  निभानी
रचा मेहंदी ,सज संवर के ,रूप की तुम बनी रानी
बड़ा मनभावन ,सुहाना ,रूप धर ,मुझको रिझाती
शिथिल तन,दीवार व्रत की ,मगर है मुझको सताती
प्रेम की लौ लगी मन में ,समर्पण , चाहत बहुत है
एक व्रत जो ले रखा है ,बस वही पतिव्रत  बहुत है
चन्द्र का कब उदय होगा ,चन्द्रमुखी तुम खड़ी उत्सुक
व्रत नहीं क्यों पूर्ण करती ,आईने में देख निज  मुख

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

रविवार, 20 अक्टूबर 2013

उड़ते हुए पल-छिन


किताब के पन्नों
के मानिंद उड़ते हुए
जिन्दगी के पल छिन
दे जाते हैं हमारे लिये
कुछ यादो की खुशबुएं
कुछ खुशियों की रोशनी
और कुछ खास
सपनों की झिलमिलाहट
जिन्हें महसूस करके
तमाम मुश्किलों भरे
अंधेरों में भी अक्सर
दिल मुस्कुराता है
इठलाता है
झूम जाता है
कुछ कदम और
आगे बढ़ जाता है....
है न ?!!

- विशाल चर्चित

ब्रह्मज्ञानी

               ब्रह्मज्ञानी

मै ब्रह्मज्ञानी हूँ
मै जानता हूँ कि विधाता ने ,
ये सारा ब्रह्माण्ड बनाया है
नर और मादा के मिलन से ही,
इस संसार में जीवन आया है
प्रभु की बनायी हुई इस धरती पर ,
करके थोडा बहुत अतिक्रमण
अगर मैंने बना लिए ,अपने आश्रम
तो ये सब ब्रह्मज्ञान फैलाने के लिए है
भक्तों को ,मिलन की महत्ता बतलाने के लिए है
यहाँ ,मेरी भक्तिने और भक्तगण
अपना सबकुछ कर देते है मुझे समर्पण
मै ,इस युग में,कृष्ण बन कर
 द्वापर  युग से प्रेम की प्यासी ,
गोपियों की प्यास बुझाता हूँ
उनके संग ,जल क्रीडा कर,चीरहरण करता हूँ,
और फिर रास रचाता हूँ
सच तो ये है ,कि सम्भोग ही सच्ची समाधि है
तो अपनी भक्तिनो संग ,एकान्त कुटी में,
ब्रह्मज्ञान में लीन होने पर ,
दुनिया  क्यों कहती मुझको अपराधी है
भागवत में लिखी है ये बात साफ़
स्वर्ण में रहता है कलयुग का वास
इसलिए मै स्वर्ण को भस्म कर देता हूँ,
और स्वर्ण भस्म को ,उदरस्त कर लेता हूँ
कितने ही लोगों को कलियुग के अभिशाप से बचाता हूँ
देर तक प्रेम में लीन होने का पाठ पढाता हूँ
एक ऋषि विश्वामित्र होते थे ,वो भी ब्रह्मज्ञानी थे
एक अप्सरा मेनका को देख ,हुए पानी पानी थे
भूल गए थे सब तप ,छाई थी ऐसी मस्ती
मेरे आश्रम में तो ,सैंकड़ों मेनकाएँ है ,
जब विश्वामित्र पिघल गए ,तो मेरी क्या हस्ती
मेरी एकांत कुटी में मेनकाओं के संग,
प्रेम और ब्रह्मज्ञान का दीपक रोज जलता है
दुनिया भले ही कुछ भी बोले ,
पर ब्रह्मज्ञानी को ,कोई भी पाप नहीं लगता है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

इश्क की हकीकत

         इश्क की हकीकत

अकेले में प्यार का इजहार जब हमने किया ,
हाथ मेरा ,उनने पकड़ा ,और सहलाने लगे
देख ये रिस्पोंस उनका ,बढ़ा अपना हौसला ,
धीरे धीरे और भी नजदीक हम जाने लगे
उनने   झटका हाथ,झिड़का ,और पीछे हट गए ,
बोले अपनी रहो हद में,पास क्यों आने लगे
इससे ज्यादा तुम न हरकत करो और आगे बढ़ो,
इसलिए था हाथ पकड़ा ,हम को बतलाने लगे

घोटू

झारखण्ड की सैर

झारखण्ड का नक्शा
तू चल मेरे साथ, मैं तुझे झारखण्ड की सैर कराता हूँ,
भारत भूमि के एक अभिन्न अंग के बारे में बतलाता हूँ |
बिरसा मुंडा की प्रतिमा, बोकारो
ये बिरसा भगवान् की भूमि, सिद्धू-कान्हू की धरती यह,
प्रकृति की छटा है अनुपम, खनिज-सम्पदा की धरती यह |
हुंडरू जल-प्रपात, रांची
गोद में बैठी प्रकृति की, राजधानी रांची है यहाँ की,
जल-प्रपातों का यह शहर, जलवायु खुशनुमा जहाँ की |
बैद्यनाथ धाम मंदिर, देवघर
देवघर का शिवलिंग
यह देखो ये बैद्यनाथ धाम, जो देवघर भी कहलाता है,
शिव-शंकर के ज्योतिर्लिंग से पावन धाम सुहाता है |
टाटा इस्पात कारखाना का दृश्य
इस्पातों के एक शहंशाह जमशेद जी ने जो बसाया है,
ये जमशेदपुर, टाटा नगर जो विश्व पटल पर छाया है |
बोकारो इस्पात संयंत्र
इस्पातों की एक और है नगरी, बोकारो इस्पात नगर यह,
फले-फुले कई उद्योग-धंधे, भले मानुषों का शहर यह |
कोयले की खान, धनबाद
आई.एस.एम., धनबाद
देश की कोयला राजधानी चलो, नाम ही जिसका धनबाद है,
आई.एस.एम. के लिए प्रतिष्ठित, कोयला खानों से आबाद है |
माँ छिन्नमस्तिके मंदिर, रजरप्पा
देवडी मंदिर
रजरप्पा में छिन्नमस्तिके, देवडी में माँ का मंदिर साजे,
मधुबन में है जैन तीर्थालय, हरिहर धाम में शिव विराजे |
हरिहर धाम, गिरिडीह
मधुबन
दामोदर और स्वर्णरेखा नदी, झारखण्ड की पहचान है,
कई बांध और कई परियोजना, बढ़ाते हमारी शान है |
कांके डैम, रांची
कर्क रेखा हृदय से गुजरता, कई उच्च पथ से जुड़ा यह,
ग्रैंड ट्रंक है जान यहाँ की, देश के हर कोने से जुड़ा यह |
वन्यजीव अभ्यारण्य विशाल है, वन धरती हजारीबाग में,
पहाड़ियां और कई झीलें हैं, बस जाये जो दिल के बाग़ में |
मैथन डैम
तिलैया डैम
झुमरी तिलैया डैम है मोहक, तेनु, कोनार, मैथन बाँध भी,
खंडोली और चांडिल डैम भी, कांके और पंचेत बाँध भी |
चांडिल डैम
तेनुघाट डैम
राजभाषा है हिंदी पर खोरठा, हो, मुंडा, संथाली भी,
बंगला, ओडिया, उर्दू भी कई रंग की यहाँ बोली भी |
टुसू पर्व का दृश्य
टुसू, कर्मा, सरहुल, सोहराय और गोबर्धन पूजे जाते हैं,
माँ मनसा व भोक्ता पूजा, हर देव-देवी यहाँ पूजे जाते हैं |
माँ मनसा
वन्य भूमि ये, देव भूमि ये, "दीप" मैं सबको समझाता हूँ,
तू चल मेरे साथ, मैं तुझे झारखण्ड की सैर कराता हूँ |

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