पार्टी प्रवक्ता
जब भी हमारे विरोध में कोई मामला उठता है
सफाई देने के लिए हमारे पास हमारे प्रवक्ता है
एक है जो खुले आम उलटे आरोप उछालता है
एक है जो विरोधी की जन्म पत्री खंगालता है
एक है जो झूंठ बोलते समय खुदा से डरता है
इसलिए ऐसे बयान देते समय आँखें बंद करता है
हम विरोधियों का नहीं,ज्यादा संज्ञान लेते है
पानी जब सर से गुजरता है,तभी बयान देतें है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
मौन की गूँज
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मौन की गूँज सन्नाटा बहता जाता है नीरवता छायी है भीतर, खामोशी सी पसर रही
है गूंज मौन गूँजे रह-रह कर !तृप्ति सहज धारा उतरी ज्यों सारा आलम भीग रहा
है, ज्योति...
12 घंटे पहले