आज फिर मौसम सुहाना हो गया है
शुरू तेरा मुस्कराना हो गया है
आज फिर मौसम सुहाना हो गया है
जिंदगी बदली है जब से इस गली में,
शुरू तेरा आना जाना हो गया है
तरसती आँखें तेरे दीदार को,
आरजू बस तुझको पाना हो गया है
दिखा कर हुस्नो अदाये, नाज़ से,
काम बस हमको सताना हो गया है
अब भी आतिश है हमारे जिगर में,
जिस्म का चूल्हा पुराना हो गया है
बारिशों में भीगता देखा तुम्हे,
बेसबर ये दिल दीवाना हो गया है
ऐसी तडफन बस गयी दिल में मेरे,
हँसे खुलके,एक ज़माना हो गया है
क्या बतायें,आजकल अपना मिजाज़,
कुछ अधिक ही आशिकाना हो गया है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
सपने वाला स्कूल
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*सपने वाला स्कूल*
रवि नाम का नौ साल का लड़का था। हर सुबह जब उसका अलार्म बजता, वह बेमन से
उठता। स्कूल जाने की तैयारी उसके लिए किसी भारी काम से कम नहीं लगती...
15 घंटे पहले