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रविवार, 28 अगस्त 2022

जय गणेश गणपति गजानन 
करूं आपका, मैं आराधन 

तुम सुत महादेव के प्यारे 
प्रथम पूज्य तुम देव हमारे 
एक दंत और कर्ण विशाला 
अरुण कुसुम की धारे माला
कर में कमल ,माथ पर चंदन 
भव्य रूप ,गौरी के नंदन 
तुम हो रिद्धि सिद्धि के दाता
हम सबके तुम बुद्धि प्रदाता
लाभ और शुभ, पुत्र तुम्हारे
हरते सबके संकट सारे
सुख सरसाते, कष्ट निकंदन 
 जय गणेश गणपति गजानन 
 
लक्ष्मी साथ तुम्हारा पूजन 
दिवाली पर करें सभी जन 
सरस्वती संग साथ तुम्हारा 
सबको ही लगता है प्यारा 
दो देवी को बुद्धि बल से 
तुमने साध रखा कौशल से 
रखो संतुलन बना विनायक 
महाकाय ,पर वाहन मूषक 
जब हो घर में कुछ आयोजन 
देते तुमको प्रथम निमंत्रण 
मिलता आशीर्वाद तुम्हारा 
काम विध्न बिन होता सारा 
सूज बूझ है बड़ी विलक्षण 
जय गणेश ,गणपति गजानन

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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