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रविवार, 22 अगस्त 2021

रक्षाबंधन नया विचार 

जब भी आता है हर साल,
 रक्षाबंधन का त्योहार 
 बहन भाई को बांध के राखी
 जतलाती है अपना प्यार 
 
 जागृत हो जाता है मन में ,
 बचपन का वह लाड़ दुलार 
 जबकि मनौती मांगे बहना,
  जिये भाई उसका सौ साल 
  
  यह प्यारा त्यौहार हर्ष  का,
  आए हर बरस सावन में 
  भाई बहन के प्यारे रिश्ते 
   आ जाते नवजीवन में 
   
   रक्षा सूत्र कलाई में जब,
    भाई की  बांधा जाता 
    बहन भाई से ले लेती है,
    अपनी रक्षा का वादा 
    
    हर राखी पर मेरे मन में 
    उठता है यह सोच जरा 
    भाई भाई में क्यों ना होती 
    रक्षा की यह परंपरा 
    
    छोटा भाई बड़े भाई को 
    रक्षा सूत्र अगर बांधे 
    भाई भाई के सारे झगड़े,
     रह जाएंगे फिर आधे 
     
     अगर भाई अपने भाई को 
     राखी बांधेगा हर बार 
     भाई भाई में फिर से जीवित 
     होगा बचपन वाला प्यार

  मदन मोहन बाहेती घोटू

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 22 अगस्त 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. हर राखी पर मेरे मन में
    उठता है यह सोच जरा
    भाई भाई में क्यों ना होती
    रक्षा की यह परंपरा

    छोटा भाई बड़े भाई को
    रक्षा सूत्र अगर बांधे
    भाई भाई के सारे झगड़े,
    रह जाएंगे फिर आधे
    बहुत ही सटीक... भाई भाई भी एक दूसरे की रक्षा का वादा लें तो ये बंटवारे और झगड़े शायद कुछ कम हों।
    बहुत ही सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं
  3. अगर भाई अपने भाई को
    राखी बांधेगा हर बार
    भाई भाई में फिर से जीवित
    होगा बचपन वाला प्यार
    वाह👏👏👏

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह बहुत सुन्दर भाव और एक अनूठा विचार । आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं और बधाई। राधे राधे।

    जवाब देंहटाएं

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