तोड़ फोड़
कभी उछाले मार उदधि तोड़े मर्यादा
तोड़ फोड़ पर कभी हवा होती आमादा
तोड़ सभी तटबंध ,कभी सरिता बहती है
तोड़ फोड़ तो जीवन में चलती रहती है
टूट दूध के दांत पुनः फिर आ जाते है
किन्तु बुढ़ापे में फिर टूट टूट जाते है
रोज टूटते बाल ,आप जब करते कंघी
वृद्धावस्था आई,खोपड़ी होती नंगी
टूट डाल से फूल,बनाते सुन्दर माला
टूट वृक्ष से फल भी देते स्वाद निराला
अपना कोई रूठ अगर जाता जीवन में
तो जाता दिल टूट ,दर्द होता है मन में
टूटा धागा अगर प्रेम का ,गाँठ पड़ेगी
टूट जायेगे रिश्ते यदि जो बात बढ़ेगी
साथ आपके अपनों का जब छूटा करता
आसमान में कोई सितारा टूटा करता
किसी सुहागन से किस्मत जब उसकी रूठे
बुझ जाते अरमान,हाथ की चूड़ी टूटे
टूट टूट कर भरी हुई है माँ में ममता
नेता नहीं निभाते वादा ,टूटे जनता
राजनीती में तोड़फोड़ होती है हरदम
पी मौसम्बी जूस ,तोड़ते नेता अनशन
टूट आइना ,टुकड़े टुकड़े हो जाता है
हर टुकड़े में पूरा अक्स नज़र आता है
रूढ़िवाद को तोड़ रही है पीढ़ी नूतन
मिलते प्रेमी युगल तोड़ कर सारे बंधन
भाव टूटते है जब तो शेयर बाज़ार टूटता
जब ज्यादा बढ़ जाता है तो परिवार टूटता
होती गलतफहमियां है तो प्यार टूटता
सांस टूटती है तो हमसे संसार छूटता
पिया मिलन की एक विरहन की सांस न टूटे
कभी किसी का तुम पर से विश्वास न टूटे
टूट फूट घर की सम्भले है ,रखरखाव से
टूट फूट जीवन की संवरे ,प्रेम भाव से
घोटू
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