हम सीधेसादे 'घोटू 'है
ना तो कुछ लागलगावट है
ना मन में कोई बनावट है
हम है सौ प्रतिशत खरी चीज,
ना हममे कोई मिलावट है
हम सदा मुस्कराते रहते
हँसते रहते , गाते रहते
जियो और जीने दो सबको ,
दुनिया को समझाते रहते
कितना ही वातावरण भले ,
गंदा,दूषित ,दमघोटू है
हम सीधेसादे 'घोटू ' है
ना ऊधो से लेना कोई
ना माधो का देना कोई
है हमे पता जो बोयेंगे ,
हम काटेंगे फसलें वो ही
इसलिए सभी से मेलजोल
बोली में मिश्री सदा घोल
हम सबसे मिलते जुलते है
दिल के दरवाजे सभी खोल
ना मख्खनबाज ,न चमचे है ,
ना ही चरणों पर लोटू है
हम सीधेसादे 'घोटू ' है
मिल सबसे करते राम राम
है हमे काम से सिरफ काम
ना टांग फटे में कोई के ,
ना ताकझांक ना तामझाम
हम सीधी राह निकलते है
कुछ लोग इसलिए जलते है
है मुंह में राम ,बगल में पर ,
हम छुरी न लेकर चलते है
अच्छों के लिए बहुत अच्छे ,
खोटो के लिए पर खोटू है
हम सीधेसादे 'घोटू ' है
मदनमोहन बाहेती 'घोटू '
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।