वो एक ख्वाब था ।
पर जो भी था, लाजवाब था ।
चंद लम्हों को आया था,
मुस्कुराहट भी लाया था ।
अंधेरे में एक किरण बनकर,
मृत शरीर में जीवन बनकर ।
जीवन के अगणित सवालों के बीच,
कई फलसफों का वो जवाब था,
वो एक ख्वाब था ।
अश्रु को मोती में बदलता,
तमस को ज्योति में बदलता ।
अपनेपन का पाठ पढ़ाता,
जीवन के हर गुर सीखाता ।
सुखे हुए सुमनों के बीच,
खिलता हुआ वो गुलाब था ।
वो एक ख्वाब था ।
वो एक ख्वाब था ।
दो पल का ही सही, वो एक रुबाब था ।
वो एक ख्वाब था ।
bahut hi sundar prastuti! dheron saraahna!
जवाब देंहटाएंख्वाब जब सुन्दर हिते हैं तो उनके मायेने बदल जाते हैं..
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.com
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकल 18/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, जिन्दगी की बातें ... !
धन्यवाद!