रियो-कुछ शब्द चित्र
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१
सागर के तट पर,
अठखेलियाँ करता यौवन
बड़े बड़े दरवाजे,
छोटी सी चिलमन
२
बूढ़े के आस पास,
दो दो हसीनायें
और दो दो कुत्तों को,
टहलाती बूढीयायें
३
तैरता क्रिसमस ट्री,
सौ मीटर ऊंचा
तीस लाख बल्बों से,
जगमग समूचा
४
हूरों के सपने थे,
पर किस्मत फूटी
मोटी सी महिलायें,
काली कलूटी
५
पहाड़ की चोंटी पर,
सातवाँ अजूबा
क्राइस्ट का स्टेचू,
सौ फिट से ऊंचा
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
(दक्षिण अमेरिका के बाजील के रिओ शहर की यात्रा
के दौरान लिखे गए कुछ शब्द चित्र आज पोस्ट कर रहा हूँ )
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१
सागर के तट पर,
अठखेलियाँ करता यौवन
बड़े बड़े दरवाजे,
छोटी सी चिलमन
२
बूढ़े के आस पास,
दो दो हसीनायें
और दो दो कुत्तों को,
टहलाती बूढीयायें
३
तैरता क्रिसमस ट्री,
सौ मीटर ऊंचा
तीस लाख बल्बों से,
जगमग समूचा
४
हूरों के सपने थे,
पर किस्मत फूटी
मोटी सी महिलायें,
काली कलूटी
५
पहाड़ की चोंटी पर,
सातवाँ अजूबा
क्राइस्ट का स्टेचू,
सौ फिट से ऊंचा
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
(दक्षिण अमेरिका के बाजील के रिओ शहर की यात्रा
के दौरान लिखे गए कुछ शब्द चित्र आज पोस्ट कर रहा हूँ )
सार्थक प्रस्तुति, आभार.
जवाब देंहटाएंपधारें मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर भी, मुझे आपके स्नेहाशीष की प्रतीक्षा है.