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रविवार, 11 सितंबर 2022

हार या जीत

 मैंने विगत कई वर्षों से 
 करी दोस्ती संघर्षों से 
 अपने हक के लिए लड़ा मैं 
 और लक्ष्य की और बढ़ा मैं
 कभी लड़खड़ा गिरा, उठा मै
  लेकर दूना जोश ,जुटा मैं 
  लड़ा किसी से, हाथ मिलाया 
  मैंने धीरज नहीं गमाया 
  बढ़ा सदा उम्मीदें लेके
  कभी न अपने घुटने टेके 
  जीत मिली तो ना गर्वाया
  हार मिली तो ना शरमाया 
  नहीं किसी के देखा देखी 
  मैंने कभी बघारी  शेखी
  मन में कभी क्षोभ ना पाला 
  किसी चीज का लोभ न पाला
  बस ऐसे ही जीवन बीता 
  पता नहीं हारा या जीता


मदन मोहन बाहेती घोटू
मूषक चिंतन 

जब मिष्ठान का प्रेमी मूषक ,
चोरी चोरी कुतर कुतर कर खाने की,
अपनी आदत को छोड़ ,
अपने स्वामी के चरणों पर चढ़ाए गए,
 मोदक के थाल की सुरक्षा में तत्पर होकर, अनुशासन में बंध जाता है
 तो गणेश जी के वाहन 
 बनने का हकदार हो जाता है 
 
अपने व्यक्तिगत लाभ
 या लालसा को पूरी करने की उत्कंठा
 जब कर्तव्य परायणता में बदल जाती है 
 तो वह तुम्हें अपनी पीठ पर,
  गणेश जी को बैठाने की योग्यता दिलवाती है 
  
तो ए मेरे देश के नेताओं,
तुम भी मूषक सा बन जाओ 
अपने देश की व्यवस्थाओं को कुतर कुतर कर, खोखला मत करो बल्कि 
लोभ और लालच को त्याग,
अपने देश और देशवासियों की,
सुरक्षा के लिए तत्पर हो जाओ 
और देश के गणराज्य में ,
गणपति का वाहन कहलाने का सम्मान पाओ

अपने व्यक्तित्व में इतना निखार लाओ
  सबके इतने विश्वास पात्र बन जाओ 
 कि लोग अपने मन की बात 
 तुम्हारे कानों में विश्वास से कह कर
 गणपति तक पहुंचा सके 
 
 तुम भी गणेश जी का विश्वास पा लोगे 
 अगर अपने आचरण में 
 मूषक तत्व जगा लोगे 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 8 सितंबर 2022

ऐसे जियो
1

 अपने जीवन में करो, सदा यही शुभ काम
 करो बुजुर्गों का सदा, श्रद्धा से सन्मान 
 श्रद्धा से सन्मान, मित्र का साथ निभाओ 
 और अपने छोटो पर जी भर प्यार लुटाओ 
 कभी किसी का बुरा न सोचो, खुशियां बांटो
  ऐसे हंसी खुशी से जीवन अपना काटो 
  2
  मन में सबके वास्ते रखो सदा सद्भाव 
  बैर किसी से ना रखो जीने का सुख पाव
  जीने का सुख पाव, मुसीबत आए कोई पर करने उसकी मदद ,रहो तुम हरदम तत्पर 
  किसी दुखी की दुआ ,असर करती है भारी 
  हर लेती है कष्ट रोग और सब बीमारी 
  3
बुरा किसी का मत करो, रखो बुरा मत सोच 
अपने मन में मत रखो, चिंताओं का बोझ
 चिंताओं का बोझ, मोह माया को त्यागो 
 बहुत सो लिए ,अंतिम प्रहर आ गया जागो जितना वक्त बचा है ,रमा राम में निज मन
  करो प्रभु आराधन ,सफल बनाओ जीवन

मदन मोहन बाहेती घोटू 

सोमवार, 5 सितंबर 2022

श्री कृष्ण जी के जीवन से
 सीखो कैसे जीवन जीते 
मस्ती भरा हुआ हो बचपन 
यौवन संघर्षों में बीते 
और बुढ़ापा सागर तीरे ,
पड़े काटना तनहाई में 
जब परिवार के भाई बंधु,
 उलझे आपस की लड़ाई में 
 
बचपन में नन्हे कान्हा सा ,
प्यार यशोदा मां का पाओ
गोप गोपियों के संग खेलो ,
हांडी फोड़ों ,माखन खाओ 
राधा संग प्रेम में डूबो,
 वृंदावन में रास रचाओ
 और बजा मधुर मुरली की ताने,
  ब्रज में प्यार सभी का पाओ

  फिर यौवन में कंस हनन कर ,
  राजनीति के बनों खिलाड़ी 
  जरासंध और शिशुपाल पर 
  पड़ो सुदर्शन लेकर भारी 
  कौरव पांडव के झगड़ों में
  बन मध्यस्थ उन्हें निपटाओ
महाभारत में बनो सारथी,
ना कोई भी शस्त्र उठाओ

और फिर जब इन संघर्षों से
लगे ऊबने तुम्हारा मन
तो फिर शान्ति की तलाश में,
सागर तट पर काटो जीवन  
बसा द्वारका सुंदर नगरी,
राज करो उसके शासक बन
 इतना प्यार लुटाओ सब में 
 पूजे लोग ,मान कर भगवन 
 
शांति पूर्वक कटे बुढ़ापा 
अंत समय तुम रहो अकेले
साथ नहीं हो संगीसाथी,
जिनके लिए कष्ट सब झेले
अपनो के ही तीरों हो,
चोटिल परमधाम को जाओ
नटखट बचपन उलझा यौवन
जीवन अपना यूं ही बिताओ

मदन मोहन बाहेती घोटू

हिप हिप हुर्रे,हिप हिप हुर्रे
 नेता बन उड़ाओ गुलछर्रे 
 
पैसा हो जो अगर पास में 
हो कुछ धंधे की तलाश में 
करना अगर कहीं इन्वेस्ट 
लड़ो चुनाव, यह निवेश बेस्ट 
बनो विधान सभा एमएलए 
और वह भी स्वतंत्र अकेले 
सीख लो थोड़ी भाषणबाजी
कहलाओगे तुम नेताजी
मिली-जुली आए सरकार 
मंत्री पद निश्चित है यार 
बढ़ जाएंगे भाव तुम्हारे 
हो जाएंगे वारे न्यारे 
पांचों उंगली होगी घी में 
खाओ कमाओ आए जो जी में 
उलटफेर का आए मौका 
सत्ता दल को देकर धोखा 
गए पार्टी को जो छोड़
तुम्हें मिलेंगे कई करोड़
और रिसोर्ट में मौज उड़ाओ 
मनचाहा पियो और खाओ 
लगे न हींग, फिटकरी हर्रे 
 खूब उड़ाओ तुम गुलछर्रे 
 हिप हिप हुर्रे हिप हिप हुर्रे

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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