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रविवार, 21 जून 2020

सूरज देखेंगे

हमने अपनी जिन आँखों से ,देखा है चंदा का आनन,
अपनी उन आँखों से क्यों कर ,हम ग्रसता सूरज देखेंगे
जिन आँखों में बसी हुई है ,चंदा की सुन्दर मादक छवि ,
अपनी उन शीतल आँखों से ,क्यों जलता सूरज देखेंगे
चंदा का प्यारा चेहरा तो ,बसा हमारी आँखों में है ,
इसीलिए तो आसमान में ,चंदा चमकेगा आज नहीं
उसकी यादों में क्षीण हुआ ,सूरज तम से ढक जाएगा ,
दे स्वर्ण मुद्रिका उसे पटा लेगा ,करता नाराज नहीं
सूरज पर चंदा की छाया ,कैसी प्रकृति की लीला है ,
जैसे बाहों के बंधन में ,चंदा और सूरज देखोगे
कल सुबह पुनः हम प्राची से ,ले वही सुनहरी सी आभा ,
वो ही हँसता मुस्काता सा ,प्यारा सा सूरज देखेंगे

घोटू 
आज का दिन

आज का दिन ,योग का दिन
और भगाओ रोग का दिन
स्वस्थ हो तन खुश रहे मन
ये कई संयोग का दिन

आज है संगीत का दिन
मधुर स्वर और गीत का दिन
तार दिल के करे झंकृत ,
प्रीत और मनमीत का दिन

आज दिन सूरज ग्रहण है
सूर्य घटता ,हरेक क्षण है
ग्रसित होकर लुप्त होगा ,
पायेगा फिर नवजीवन है

आज दिन 'फादर 'स डे 'है
आज हम जो कुछ बने है
वंदना उस जनक की है ,
जिनका आशीर्वाद ये है

आज है सबसे बड़ा दिन
देखलो कितना चढ़ा दिन
आज 'सेल्फी 'का दिवस है
कैमरा लेकर खड़ा दिन

घोटू  



शुक्रवार, 19 जून 2020

मोहब्बत का मसला

मोहतरमा से हुई मोहब्बत ,मोह जाल में उलझ गया
गाल गुलाबी ,तिरछी नज़रें ,अधर लाल में उलझ गया
'घोटू 'इस फेरे में फंस कर ,उन संग फेरे सात  लिये ,
बैल बन गया मैं कोल्हू का ,रोटी दाल में उलझ गया
उनसे आँखें चार हुई क्या ,चार दिनों के जीवन में
कैसे पैसे चार कमाऊं ,इस सवाल  में  उलझ गया
संगदिल के संग,दिल मिलने की,ऐसी मुझको मिली सजा
रंग ढंग बदल गया जीवन का ,तंगहाल में उलझ गया
तेज बड़ा ही धार दार होता हथियार ,हुस्न का है ,
उसकी मादक मार सुहाती ,यार प्यार में उलझ गया

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

गुरुवार, 18 जून 2020

संकट का सामना

संकट तो है आते जाते
करे सामना ,हम मुस्काते

शीतकाल में ठिठुरा करते
हो जब ग्रीष्म ,तपन से डरते
बारिश शीतल जल बरसाती
पर ज्यादा हो ,नहीं सुहाती
लाती बाढ़ ,अधिक बरसाते
संकट तो  है आते  जाते

रोज रोज ,कुछ ना कुछ होना
कल तक फ्लू था ,आज करोना
फ़ैल रहा यह दुनिया भर में
दहशत सी फैली घर घर में
बुरी बला से सब घबराते
संकट तो है आते  जाते

बार बार और जगह जगह पर
धरती काँप रही रह रह कर
उठती मन में आशंकायें
बड़ा जलजला ना आ जाये
बुरे ख्याल है हमें जगाते
संकट तो है आते जाते

सीमाओं पर चीनी ड्रेगन
है फुंकारता,उठा रहा फ़न
पकिस्तान ,उधर आतंकी
रोज रोज देता है धमकी
विपदा के बादल मंडराते
संकट तो है आते जाते

परिस्तिथियाँ बड़ी विकट है
सभी तरफ संकट संकट है  
इनको है जो अगर थामना
हम हिम्मत से करें सामना
साहसी सदा ,विजयश्री पाते
संकट  तो  है  आते  जाते

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
चीन की बीन बजायेंगे

चैन की बीन बजानेवाले ,चीन की बीन बजायेंगे
कालिया नाग नचाने वाले ,ड्रेगन को भी नचायेंगे

चंद मिसाइल बना लिए क्या जिनके बल तू ऐंठा है
चिन्दी क्या पा ली चूहे ने , तू  बजाज बन बैठा  है
 बार बार पंगे लेता है ,बड़ी बुरी ये आदत है
ये उन्नीस सौ बांसठ का ना ,ये मोदी का भारत है
चीनी के बर्तन के जैसा ,तुमको तोड़ दिखायेंगे
चैन की बीन बजानेवाले ,चीन की बीन बजायेंगे
 
बाज आओ अपनी हरकत से,वर्ना तुम पछताओगे
हमसे जो टकराओगे तो चूर  चूर हो जाओगे
गलवान ना ,माँद शेर की ,में तुमने सर डाला है
ये मत भूलो ,अबकी बार ,पड़ा मोदी से पाला है
हम चीनी की बना चाशनी ,डुबा जलेबी खायेंगे
चैन की बीन बजानेवाले ,चीन की बीन बजायेंगे

मुख में राम ,बगल में छुरी का चरित्र तुम्हारा है
तुमने कोरोना फैला कर ,कितनो को ही मारा है
छोडो चलना चाल, तुम्हारा बुरा हाल हम कर देंगे
ईंट अगर फेंकोगे तुम ,हम उत्तर में पत्थर देंगे
जिनपिंग,पिंगपांग खेलोगे ,नानी याद दिलायेंगे  
चैन की बीन बजानेवाले ,चीन की बीन बजायेंगे    

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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