सब्जियां और सियासत
१
जो जमीन से जुड़े होते है
लोग उन्हें सस्ते में लेते है
और गाजर ,मूली की तरह ,
काट दिया करते है
२
बिना पेंदी के लोगों पर भी,
ताज चढ़ाया जाता है
सब्जियों में यह उदाहरण ,
बैंगन के मामले में पाया जाता है
३
जब से अंग्रेजों ने भिन्डी को,
'लेडी फिंगर' का नाम दिया है
तब से वो बड़ा अकड़ती है
जमीन से जुड़े ,आलू या गाजर,
के साथ नहीं मिलती
अकेली ही पकती है
४
इटालियन पिज़्ज़ा पर ,
जबसे देशी टॉपिंग चढ़ने लगी है
भारत की राजनीती ही बदलने लगी है
५
पत्ता पत्ता मिल कर ,
एक दुसरे से बंध कर,
बनती पत्ता गोभी है
'चाइनीज'समाज व्यवस्था भी,
ऐसी ही होती है
भोजन समाजका दर्पण है
इसीलिये पत्तागोभी से ही,
बनते कई 'चाइनीज'व्यंजन है
६
सब्जियां यूं तो अपनी ही
खांप में सम्बन्ध बनाती है
और अक्सर आलू,प्याज या टमाटर
से अपना दिल लगाती है
पर जबसे मटरगश्ती करती मटर ने ,
विजातीय पनीर से ,
दिल उलझाया है
लोगों को बड़ा मन भाया है
७
जमीन से जुड़े आलू और प्याज ,
भले सस्ते बिकते है
पर लम्बे समय टिकते है
और सब सब्जियों के साथ ,
उनके मधुर रिश्ते है
८
काशीफल याने कद्दू ,
बंधी मुट्ठी की तरह है
जब तलक बंद है,
तब तक सेहतमंद है
और एक बार जब खुल जाता है
ज्यादा नहीं टिक पाता है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'