सूट और बनियान
बड़ा गर्वित ,हज़ारों का सूट था कपबोर्ड में ,
हेंगर मे लटकता ,मन में बड़ा अभिमान था
और नीचे, अलमारी के एक कोने में पड़ा,
साफ़सुथरा और धुला सा ,सूती एक बनियान था
सूट ने भोंहे सिकोड़ी ,देख कर बनियान को ,
सामने मेरे खड़े ,क्या तुम्हारी औकात है
हंस कहा बनियान ने तुम काम आते चंद दिन ,
और मालिक संग मेरा ,रात दिन का साथ है
घोटू
बड़ा गर्वित ,हज़ारों का सूट था कपबोर्ड में ,
हेंगर मे लटकता ,मन में बड़ा अभिमान था
और नीचे, अलमारी के एक कोने में पड़ा,
साफ़सुथरा और धुला सा ,सूती एक बनियान था
सूट ने भोंहे सिकोड़ी ,देख कर बनियान को ,
सामने मेरे खड़े ,क्या तुम्हारी औकात है
हंस कहा बनियान ने तुम काम आते चंद दिन ,
और मालिक संग मेरा ,रात दिन का साथ है
घोटू