ग़म ही गम
गमो के गाँव में आकर ,गए हम भूल मुस्काना ,
पड़ गयी मुश्किलें पीछे ,ग़मों की इतनी शिद्दत है
न कोई सूझता रस्ता,अँधेरा ही अँधेरा है,
सुखों की साख बिगड़ी है, मुसीबत ही मुसीबत है
घोटू
गमो के गाँव में आकर ,गए हम भूल मुस्काना ,
पड़ गयी मुश्किलें पीछे ,ग़मों की इतनी शिद्दत है
न कोई सूझता रस्ता,अँधेरा ही अँधेरा है,
सुखों की साख बिगड़ी है, मुसीबत ही मुसीबत है
घोटू