1415-कृष्णा वर्मा की कविताएँ
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*कृष्णा वर्मा *
*1-स्त्री*
*अधखुले दरवाज़े पर खड़ी स्त्री *
*केवल इंतज़ार ही नहीं करती *
*वह भरती है भीतर उजालों को *
*महसूसती है *
*स्वछंद उड़ती ह...
6 घंटे पहले