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शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

हुस्नवालों से

         हुस्नवालों से 
                 १
तुम्हारे हुस्न का चर्चा ,यहां हर बार होता है
वो दिन अच्छा गुजरता जब ,तेरा दीदार होता है
न जिस दिन तुम नज़र आते ,बड़ा बेचैन रहता हूँ,
मुस्करा देते हो जिस दिन,मेरा त्योंहार  होता है 
                   २  
अदाएं ,नाज़ और नखरे ,दिखा हमको सताते हो
संवरते और सजते हो ,हमारा दिल  लुभाते हो
देख कर हुस्न का जलवा ,छेड़ते तार हो मन के ,
जरा सा छेड़ हम देते ,तो तुम तोहमत  लगाते  हो

 घोटू 
                                               
 

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