एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

शिकायत-तकिये की

         शिकायत-तकिये की

एक तकिये ने अपनी मालकिन से की ये शिकायत ,
              अकेले छोड़ कर के  साहब को जब आप जाते है
आप तो चैन से मइके में जाकर मौज करते है,
                इधर दो रात मे ही निकल मेरे प्राण   जाते है
बदल जाता है मेरा हुलिया ,हालत बिगड़ती है,
                 मौन सहता हूँ सब कुछ ,बोल भी तो मैं नहीं  सकता,
कभी टेढ़ा ,कभी सीधा,कभी ऐसे ,कभी वैसे,
                  बड़ी बेरहमी से साहब जी, मुझको दबाते है

घोटू 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-