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बुधवार, 12 नवंबर 2014

स्वच्छता अभियान

           स्वच्छता अभियान

तेरे मन में ,मेरे मन में,सबके मन में मैल ,
                              निकाले उसको  कैसे ?
लालच,स्वार्थ ,घृणा ,हिंसा का कचरा  फैला
                               बुहारे    उसको  कैसे ?
चला स्वच्छ अभियान ,हाथ में झाड़ू लेकर
 हटा  गंदगी, होगे  गाँव,सड़क ,सब सुन्दर
इधर उधर बिखरा कचरा तो बुहर  जाएगा
लीप पोत  कर ,रंग घरों का निखर जाएगा
किन्तु स्वच्छता तन संग, मन की आवश्यक है ,
                                       सँवारे  उसको कैसे?
तेरे मन में,मेरे मन में  ,सबके मन में  मैल ,
                                        निकाले उसको कैसे?
कलुषित हुए विचार,मनो पर मैल  चढ़ रहा
दिन दिन बेईमानी ,भ्रष्टाचार  बढ़  रहा
भुला दिए आदर्श,संस्कृति ,संस्कार  के
नित्य उजागर काण्ड हो रहे व्यभिचार के
चिंदी चिंदी बिखर रही है ,अबलाओं  की लाज,
                                 संभाले उसको कैसे ?
मेरे मन में,तेरे मन में,सबके  मन में मैल  ,
                                  निकाले उसको कैसे?

मदन मोहन बाहेती''घोटू'

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