आम का वृक्ष -उमर का असर
आम का वृक्ष,
जो कल तक ,
दिया करता था मीठे फल
अब छाँव देता है केवल
इसलिए उपेक्षित है आजकल
भले ही अब भी ,
उस पर कोकिल कुहकती है
पंछी कलरव करते है,
शीतल हवाएँ बहती है
पर,अब तो बस केवल
पूजा और शुभ अवसरों पर ,
कुछ पत्ते बंदनवार बना कर ,
लटका दिये जाते है
जो उसकी उपस्तिथि अहसास आते है
उसके अहसानो का कर्ज ,
इस तरह चुकाया जाता है
कि उसकी सूखी लकड़ी को,
हवन में जलाया जाता है
फल नहीं देने फल ,
उसे इस तरह मिल रहा है
आम का वृक्ष ,
अब बूढ़ा जो हो रहा है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
आम का वृक्ष,
जो कल तक ,
दिया करता था मीठे फल
अब छाँव देता है केवल
इसलिए उपेक्षित है आजकल
भले ही अब भी ,
उस पर कोकिल कुहकती है
पंछी कलरव करते है,
शीतल हवाएँ बहती है
पर,अब तो बस केवल
पूजा और शुभ अवसरों पर ,
कुछ पत्ते बंदनवार बना कर ,
लटका दिये जाते है
जो उसकी उपस्तिथि अहसास आते है
उसके अहसानो का कर्ज ,
इस तरह चुकाया जाता है
कि उसकी सूखी लकड़ी को,
हवन में जलाया जाता है
फल नहीं देने फल ,
उसे इस तरह मिल रहा है
आम का वृक्ष ,
अब बूढ़ा जो हो रहा है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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