मान मनुहार
रूठने और मनाने का ,होता है अपना मज़ा ,
लोग कहते है कि ये भी,प्यार की पहचान है
दो मिनिट भी हो जाते है जब नज़र से जो दूर वो ,
आँखें उनको ढूंढने को ,मचाती तूफ़ान है
बड़ी प्यारी होती घड़ियाँ ,मान और मनुहार की
बाद झगडे के सुलह में ,कशिश दूनी प्यार की
गिले शिकवे उससे ही होते है जिसमे अपनापन ,
नहीं झगड़ा जाता गैरों से कि जो अनजान है
घोटू
रूठने और मनाने का ,होता है अपना मज़ा ,
लोग कहते है कि ये भी,प्यार की पहचान है
दो मिनिट भी हो जाते है जब नज़र से जो दूर वो ,
आँखें उनको ढूंढने को ,मचाती तूफ़ान है
बड़ी प्यारी होती घड़ियाँ ,मान और मनुहार की
बाद झगडे के सुलह में ,कशिश दूनी प्यार की
गिले शिकवे उससे ही होते है जिसमे अपनापन ,
नहीं झगड़ा जाता गैरों से कि जो अनजान है
घोटू
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