On Sunday, July 13, 2014, madan mohan Baheti <baheti.mm@gmail.com> wrote:
घोटू के पद
प्रियतम ,मैं आटा ,तुम पानी
पूरी,परांठा या जैसी भी,रोटी हमें बनानी
बहुत जरूरी ,गुंथे ढंग से ,आटा मिल संग पानी
और पलेथन ,लगे प्यार का ,रोटी अगर फुलानी
गरम गृहस्थी के चूल्हे पर ,जल्दी से सिक जानी
तब ही तो स्वादिष्ट बनेगी,रोटी,नरम सुहानी
जितनी प्रीत मुझे है तुमसे,उतनी तुम्हे दिखानी
तालमेल हो सही ख़ुशी से ,काट जाए जिंदगानी
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।