बरसात आई
आज बरसात आई है
मुद्द्तों बाद आयी है
मचलने लग गया है मन,
लिए जज्बात आयी है
हुआ मौसम बड़ा बेहतर
भीग कर जाएँ हम हो तर
साथ बूंदों के हम नाचें,
मज़ा मौसम का लें जी भर
देख कर तेरा भीगा तन ,
रहूँ ना मैं भी आपे में
मज़ा मुझको जवानी का,
मिले फिर से बुढ़ापे में
घोटू
आज बरसात आई है
मुद्द्तों बाद आयी है
मचलने लग गया है मन,
लिए जज्बात आयी है
हुआ मौसम बड़ा बेहतर
भीग कर जाएँ हम हो तर
साथ बूंदों के हम नाचें,
मज़ा मौसम का लें जी भर
देख कर तेरा भीगा तन ,
रहूँ ना मैं भी आपे में
मज़ा मुझको जवानी का,
मिले फिर से बुढ़ापे में
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।