मैं पुराना हो गया हूँ
गया यौवन बीत अब ,गुजरा जमाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
कहते है कि नया नौ दिन ,पुराना टिकता है सौ दिन
इसलिए मैं भी टिकाऊ ,होता जाता हूँ दिनो दिन
इन दीवारों पर अनुभव का पलस्तर चढ़ गया है
इसलिए मंहगा हुआ घर ,मूल्य मेरा बढ़ गया है
पहले अधकचरा ,नया था ,अब सयाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
उम्र ज्यों ज्यों बढ़ रही है ,आ रही परिपक़्वता है
पुराना जितना हो चावल,अधिक उतना महकता है
शहद ज्यों ज्यों हो पुरानी ,गुणों का उत्थान होता
दवाई का काम करता ,पका यदि जो पान होता
अस्त होता सूर्य ,सुनहरी सुहाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
कई घाटों का पिया जल ,आ गयी मुझमे चतुरता
अब पका सा आम हूँ मैं , आ गयी मुझमे मधुरता
वृद्धि होती ज्ञान की जब ,वृद्ध है हम तब कहाते
पुरानी 'एंटीक ' चीजे ,कीमती होती बताते
देखली दुनिया ,तजुर्बों का खजाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
गया यौवन बीत अब ,गुजरा जमाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
कहते है कि नया नौ दिन ,पुराना टिकता है सौ दिन
इसलिए मैं भी टिकाऊ ,होता जाता हूँ दिनो दिन
इन दीवारों पर अनुभव का पलस्तर चढ़ गया है
इसलिए मंहगा हुआ घर ,मूल्य मेरा बढ़ गया है
पहले अधकचरा ,नया था ,अब सयाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
उम्र ज्यों ज्यों बढ़ रही है ,आ रही परिपक़्वता है
पुराना जितना हो चावल,अधिक उतना महकता है
शहद ज्यों ज्यों हो पुरानी ,गुणों का उत्थान होता
दवाई का काम करता ,पका यदि जो पान होता
अस्त होता सूर्य ,सुनहरी सुहाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
कई घाटों का पिया जल ,आ गयी मुझमे चतुरता
अब पका सा आम हूँ मैं , आ गयी मुझमे मधुरता
वृद्धि होती ज्ञान की जब ,वृद्ध है हम तब कहाते
पुरानी 'एंटीक ' चीजे ,कीमती होती बताते
देखली दुनिया ,तजुर्बों का खजाना हो गया हूँ
मैं पुराना हो गया हूँ
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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