एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 8 जुलाई 2020

ज़ूम पर

ऐसी कोविद ने करी पाबंदियां ,
बच्चों की शादी करादी ज़ूम पर
न तो मैरिज हॉल ना इवेंट  था ,
एकदम सिम्पल और सादी ज़ूम पर
बेंड ना था,म्यूजिक का सिस्टम बजा,
और थे सारे बाराती ज़ूम पर
पंडितजी ने मंत्र अपने घर पढ़े ,
हमने सब रस्मे निभादी,ज़ूम पर
वर वधू ने सात फेरे ले लिए ,
और वरमाला पहनादी ज़ूम पर
ख़ास थाली ,सबको हल्दीराम की ,
स्विगी ने घर घर भिजादी घूम कर
आइफ़िल टावर के संग फोटो खिंचा ,
हनीमून सबको दिखादी  ज़ूम पर
दिखावे की होड़ सारी थम गयी ,
बात ये अच्छी  बना दी ,ज़ूम पर
बजट लाखों का था पर ऐसा हुआ ,
सब फिजूल खर्ची बचा दी ज़ूम पर
काम बच्चों के उमर भर आएगी ,
एफ डी  हमने बना दी झूम कर

मदन मोहन बाहेती 'घोटू ' 

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-