लड़ाई और मोहब्बत
जहाँ प्यार होता ,है झगड़ा जरूरी
लड़ाई बिना है , मोहब्बत अधूरी
तुमने न झेली , अगर दूरियां तो ,
नजदीकियों का ,मज़ा ही न आता
ये शिकवा शिकायत,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
किसी से किसी की ,नज़र जब है लड़ती
तभी तो मोहब्बत , है परवान चढ़ती
लड़ाई मोहब्बत का रिश्ता निराला ,
हमें भी सुहाता ,उन्हें भी सुहाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
किसी से अगर हम ,मोहब्बत दिखाते
तो ये कहते है हम , लाड है लड़ाते
बड़ी ही सुहानी ,ये होती लड़ाई ,
दूना मिलन का ,मज़ा फिर है आता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
नहीं रूठना हो ,नहीं हो मनाना
सफर जिंदगी का लगे ना सुहाना
ये कुट्टी और बट्टी ,बड़ी मीठी खट्टी ,
कोई भाव देता ,कोई भाव खाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
जहाँ प्यार होता ,है झगड़ा जरूरी
लड़ाई बिना है , मोहब्बत अधूरी
तुमने न झेली , अगर दूरियां तो ,
नजदीकियों का ,मज़ा ही न आता
ये शिकवा शिकायत,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
किसी से किसी की ,नज़र जब है लड़ती
तभी तो मोहब्बत , है परवान चढ़ती
लड़ाई मोहब्बत का रिश्ता निराला ,
हमें भी सुहाता ,उन्हें भी सुहाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
किसी से अगर हम ,मोहब्बत दिखाते
तो ये कहते है हम , लाड है लड़ाते
बड़ी ही सुहानी ,ये होती लड़ाई ,
दूना मिलन का ,मज़ा फिर है आता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
नहीं रूठना हो ,नहीं हो मनाना
सफर जिंदगी का लगे ना सुहाना
ये कुट्टी और बट्टी ,बड़ी मीठी खट्टी ,
कोई भाव देता ,कोई भाव खाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।