एक पाती -पोते के नाम
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
सफलताएं चूमे तुम्हारे चरण ,
हमे तुमसे कितनी ही उम्मीद है
तुम्हारे पिताजी ने मेहनत करी ,
और पायी कितनी ही ऊंचाइयां
लहू में तुम्हारे समाई हुई ,
है व्यापार करने की गहराइयाँ
बढे काम इतना कि सब ये कहे ,
कि बेटा पिता से भी इक्कीस है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
विदेशों में तुमने पढाई करी ,
बहुत कुछ करूं मन में सपना पला
बहुत ही लगन और उत्साह है ,
और है बुलंदी लिए हौंसला
भरपूर उपयोग हो ज्ञान का ,
हमारी तुम्हे ये ही ताकीद है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
आगे भले कितने बढ़ जाओ तुम ,
कभी गर्व से पर नहीं फूलना
सहकर्मियों से रहो मित्र बन
बुजुर्गों को अपने नहीं भूलना
सबसे मिलो ,प्यार करते रहो ,
परिवार की अपने तहजीब है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
सफलताएं चूमे तुम्हारे चरण ,
हमे तुमसे कितनी ही उम्मीद है
तुम्हारे पिताजी ने मेहनत करी ,
और पायी कितनी ही ऊंचाइयां
लहू में तुम्हारे समाई हुई ,
है व्यापार करने की गहराइयाँ
बढे काम इतना कि सब ये कहे ,
कि बेटा पिता से भी इक्कीस है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
विदेशों में तुमने पढाई करी ,
बहुत कुछ करूं मन में सपना पला
बहुत ही लगन और उत्साह है ,
और है बुलंदी लिए हौंसला
भरपूर उपयोग हो ज्ञान का ,
हमारी तुम्हे ये ही ताकीद है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
आगे भले कितने बढ़ जाओ तुम ,
कभी गर्व से पर नहीं फूलना
सहकर्मियों से रहो मित्र बन
बुजुर्गों को अपने नहीं भूलना
सबसे मिलो ,प्यार करते रहो ,
परिवार की अपने तहजीब है
तरक्की करो खूब पोते मेरे ,
तुम्हे अपने दादा की आशीष है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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