कोरोना स्वामी की आरती
ॐ जय कोरोना हरे स्वामी जय कोरोना हरे
भक्त जनों के संकट ,क्षण में दूर करे। ॐ।
जो भी भीड़ से भागे ,दुःख बिनसे मन का
पास न आये कोरोना ,कष्ट मिटे तन का । ॐ।
दूरी रखूँ बना कर ,पास आना रिस्की
तुम बिन सुख और शांति ,आस करूँ जिसकी। ॐ।
तुम चाइना के आये , फैल रहे स्वामी
मुश्किल भेद तुम्हारा ,तुम अन्तर्यामी। ॐ।
तुम हो दुःख के सागर, खुशियों के हरता
बार बार कर धोये , हर कोई डरता। ॐ।
तुम हो एक अगोचर कितने प्राण हरे
किस विधि बचें त्रास से , विनती सब ही करें। ॐ।
नालायक,दुःखदायक , भक्षक बहुतेरे
मैं घर में घुस बैठा ,पास न ,आओ मेरे। ॐ।
मुख पर पट्टी बाँध ,करें सब तुम्हारी सेवा
खांसी आने ना दो ,ज्वर भी दूर करो देवा। ॐ।
यह कोरोना आरती जो भी नर गावे
वासे वाइरस भागे पास नहीं आवे। ॐ
ॐ जय कोरोना हरे स्वामी जय कोरोना हरे
भक्त जनों के संकट ,क्षण में दूर करे। ॐ।
जो भी भीड़ से भागे ,दुःख बिनसे मन का
पास न आये कोरोना ,कष्ट मिटे तन का । ॐ।
दूरी रखूँ बना कर ,पास आना रिस्की
तुम बिन सुख और शांति ,आस करूँ जिसकी। ॐ।
तुम चाइना के आये , फैल रहे स्वामी
मुश्किल भेद तुम्हारा ,तुम अन्तर्यामी। ॐ।
तुम हो दुःख के सागर, खुशियों के हरता
बार बार कर धोये , हर कोई डरता। ॐ।
तुम हो एक अगोचर कितने प्राण हरे
किस विधि बचें त्रास से , विनती सब ही करें। ॐ।
नालायक,दुःखदायक , भक्षक बहुतेरे
मैं घर में घुस बैठा ,पास न ,आओ मेरे। ॐ।
मुख पर पट्टी बाँध ,करें सब तुम्हारी सेवा
खांसी आने ना दो ,ज्वर भी दूर करो देवा। ॐ।
यह कोरोना आरती जो भी नर गावे
वासे वाइरस भागे पास नहीं आवे। ॐ
कवि घोटू रचित कोरोना आरती पूर्ण
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।