सचिवालय सेक्रेटरी उचाव
सर जी ,काम चलेगा कैसे
सब उद्द्योग बाजार बंद है ,कोरोना के भय से
होती नहीं कमाई कोई भी ,ऐसे हो या वैसे
राज्य कोष में ख़तम हो रहे ,धीरे धीरे पैसे
नहीं भरोसा कोरोना का ,जाएगा कब,कैसे
घर बैठे सब लोग त्रसित है ,सूखे हुए गले से
उनको नहीं नसीब सोमरस ,वक़्त गुजारें कैसे
दारू के ठेके खुलवा दो ,भीड़ उमड़ेगी ऐसे
दाम बढा दो,सभी पियक्कड़ ,देंगे दूने पैसे
कोरोना दुःख भूल जाएंगे ,दारू पिये मजे से
'घोटू 'सभी समस्याओं का ,हल होता है ऐसे
घोटू
सर जी ,काम चलेगा कैसे
सब उद्द्योग बाजार बंद है ,कोरोना के भय से
होती नहीं कमाई कोई भी ,ऐसे हो या वैसे
राज्य कोष में ख़तम हो रहे ,धीरे धीरे पैसे
नहीं भरोसा कोरोना का ,जाएगा कब,कैसे
घर बैठे सब लोग त्रसित है ,सूखे हुए गले से
उनको नहीं नसीब सोमरस ,वक़्त गुजारें कैसे
दारू के ठेके खुलवा दो ,भीड़ उमड़ेगी ऐसे
दाम बढा दो,सभी पियक्कड़ ,देंगे दूने पैसे
कोरोना दुःख भूल जाएंगे ,दारू पिये मजे से
'घोटू 'सभी समस्याओं का ,हल होता है ऐसे
घोटू
बहुत खूब
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