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शनिवार, 23 मई 2020

आम और जिंदगी -चार दोहे

मैंने चूँसा आम रस  ,तुमने किया हलाल
तुमने टुकड़े खाये, मैं ,रस पी हुआ निहाल

अलग तरीके खान के ,फल है वो ही एक
तुम गूदा टुकड़े करो , देते गुठली फेंक
३  
दबादबा,कर पिलपिला ,मैं पीयूँ रस  घूँट
चूंस गुठलियां, ले रहा  ,दूना आनंद  लूट

ये जीवन है ,आम सा  ,चूंसो ,मज़ा उठाव
यूं न काट,टुकड़े करो,कांटे,चुभा न  खाव

घोटू 

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