मुक्तक
सपन मन में मिलन के सब कुलबुलाते रह गये
साथ आनेवाले थे वो ,आते आते रह गये
हमारी मख्खन डली को ,एक कौवा ले गया ,
और हम अफ़सोस में ,दिल को जलाते रह गये
घोटू
सपन मन में मिलन के सब कुलबुलाते रह गये
साथ आनेवाले थे वो ,आते आते रह गये
हमारी मख्खन डली को ,एक कौवा ले गया ,
और हम अफ़सोस में ,दिल को जलाते रह गये
घोटू
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं