बुढ़ापा ना कटे
जवानी थी,मारा करते फाख्ता थे तब मियाँ
मजे से दिन रात काटे ,खूब काटी मस्तियाँ
मगर अब आया बुढ़ापा,काटे से कटता नहीं,
ना इधर के ,ना उधर के,हम फंसे है दरमियाँ
घोटू
जवानी थी,मारा करते फाख्ता थे तब मियाँ
मजे से दिन रात काटे ,खूब काटी मस्तियाँ
मगर अब आया बुढ़ापा,काटे से कटता नहीं,
ना इधर के ,ना उधर के,हम फंसे है दरमियाँ
घोटू
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