मेरे प्रिय सखा,चिंतक ,मार्गदर्शक ,सत्पुरुष
परमादरणीय श्री हरनारायण गोगिया की पावन स्मृती में
यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार ,यार तुम बिछड़ गए
मेरा कर सूना संसार यार तुम किधर गए
हमने तुमने थी गुंथी प्रेम की जो माला ,
उस माला के तुम फूल ,अचानक बिखर गए
कर कितनो का उपकार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
हमने तुमने मिल कर आपस में संग संग ,
घूमा सारा संसार ,यार तुम बिछड़ गए
पर कर बैतरणी पार,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार ,यार तुम बिछड गए
सबसे हिलमिल प्यार लुटाया जिस दिल से,
दे गया दगा दिलदार ,यार तुम किधर गए
कर सबसे सद्व्यवहार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
हर बार चमन में फूल न ऐसा खिलता है ,
करके सूना गुलजार , यार तुम बिछड़ गए
हो गयी उदास बहार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
परमादरणीय श्री हरनारायण गोगिया की पावन स्मृती में
यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार ,यार तुम बिछड़ गए
मेरा कर सूना संसार यार तुम किधर गए
हमने तुमने थी गुंथी प्रेम की जो माला ,
उस माला के तुम फूल ,अचानक बिखर गए
कर कितनो का उपकार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
हमने तुमने मिल कर आपस में संग संग ,
घूमा सारा संसार ,यार तुम बिछड़ गए
पर कर बैतरणी पार,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार ,यार तुम बिछड गए
सबसे हिलमिल प्यार लुटाया जिस दिल से,
दे गया दगा दिलदार ,यार तुम किधर गए
कर सबसे सद्व्यवहार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
हर बार चमन में फूल न ऐसा खिलता है ,
करके सूना गुलजार , यार तुम बिछड़ गए
हो गयी उदास बहार ,यार तुम बिछड़ गए
ओ यारों के यार, यार तुम बिछड़ गए
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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