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मंगलवार, 6 मई 2014

कुछ क्षणिकाएँ....................... आज के राजनैतिक परिदृश्य पर


गुमनामी से बौराये
एक बूढ़े नेता ने किया 
विवाहित नवयौवना 
के हाथ से 
प्रेममय अमृतपान,
किया अपनी इस 
तथाकथित विजय का ऐलान
जनता और मीडिया, 
ने हाय तौबा मचाई 
समस्त विश्व में 
जमकर कु-ख्याति पाई
हुए अजर भी, और 
शायद अमर भी...

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एक 'आम आदमी'
'खास आदमी' की तरह 
झाड़ू से नाप रहा है दूरी
दिल्ली से वाराणसी की
देश मोह में या
सत्ता मोह में
ये तो पता नहीं, पर
गाली - थप्पड़ खाते हुए
और मुस्कुराते हुए...

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देश की करोड़ों 
जनता का हाथ
रहा है करीब
सरसठ सालों से साथ,
अब इनका है हाथ 
जनता के साथ,
जनता के मेहनत से
कमाये लाखों करोड़
खा जाने के लिए
पचा जाने के लिये...

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कह तो रहे हैं कि
लायेंगे राम राज्य,
और ये खिलायेंगे 
खुशियों के कमल, पर- 
चुनाव मे खर्च हुए
कई हजार करोड़,
वसूली के लिये कहीं 
ये भी न दें
जनता को निचोड़...

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क्या हुआ जो हम हैं
एक क्षेत्रीय दल,
सरकार हो किसी की
अपना है समर्थन,
क्योंकि संसद में 
अपने भी हैं
पच्चीस-तीस जन,
हम लूटेंगे - खायेंगे
या सरकार गिरायेंगे,
देश हित में
देश प्रेम के साथ...

- विशाल चर्चित

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