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बुधवार, 18 अप्रैल 2012

भगवान जी!आप भी कमाल करते हो

 भगवान जी!आप  भी कमाल करते हो 

भगवान जी!आप भी कमाल करते हो

नए नए ढंग से,धमाल करते  हो
जब रूटीन के काम काज से थक जाते हो
तो नए नए रूप में,अवतार लेकर आते हो
अलग अलग अनुभव,लेने का है शौक
इसीलिए छोड़ कर के  देवलोक
कभी मछली के रूप में अवतार लेते हो
तो कभी कछुवे के रूप में,अपनी पीठ पर,
मंदराचल पर्वत का भार लेते हो
समंदर में रहते हो और समंदर की बेटी से ब्याह किया है
इसीलिए पहले जलचर बनकर,
मच्छ और कच्छ रूप में अवतार लिया है
अगली बार सोचा होगा,चलो कुछ चेंज हो जाए
तो फिर थलचर,वाराह के रूप में अवतार लेकर आये
फिर थोडा अलग थ्रिल करने  का मूड आया
तो आधा नर और आधा जानवर,
याने नरसिंह का रूप बनाया
फिर कुछ डिफरंट करने का  किया मन
तो बस,बन गए वामन
अपने इस शार्ट फार्म में बली को छकाया
और  विराट रूप धर,तीन पग में ही,
तीनो   लोकों को नाप ,सबको चौंकाया
ये सब तो शार्ट टर्म वाले अवतार थे
जिनमे किये कुछ चमत्कार थे
पर इसमें आपको शायद ज्यादा मज़ा नहीं आया
तो फिर आपने ,लाँग टर्म वेकेशन का प्लान बनाया
और राम के रूप में अवतार लिया
और एक नोर्मल मानव की तरह,
फुल टर्म जीवन जिया
रावण को संहारा
पर अधिकतर जीवन ,अकेले ही,
बीबी से दूर ,गुजारा
तो अगले अवतार में,
 इसका कंपनसेशन भी किया
और कृष्ण के रूप में प्रकटे और,
सोलह हजार एक सौ आठ रानियों से ब्याह किया
और वैवाहिक जीवन का भरपूर सुख लिया
सच भगवान जी,आप बड़े ही एडवेंचरस हो
और सबके संकट मोचक हो
देवताओं पर जब भी प्रॉब्लम आती है
उनको बस,आपकी ही याद आती है
कभी मोहिनी रूप धर ,देवताओं को अमृत बाँट ,
उनका उद्धार करते हो
कभी सुन्दर नारी का रूप धर,
भस्मासुर का संहार करते हो
उनकी सब प्रोब्लेम्स को आप  सोल्व करते हो
भगवान जी!तुस्सी  ग्रेट  हो,कमाल करते हो

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

2 टिप्‍पणियां:

  1. ईश्वर की महिमा न्यारी!...बहुत सुन्दर गुण-गान!....बधाई!

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  2. ईश्वर की महिमा के इस तरीके ने प्रभावित किया .|

    जवाब देंहटाएं

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