जस्य नारी पूज्यन्ते----
कहते है, भारत में,
छप्पन करोड़ देवता पूजे जाते है
जिधर देखो उधर ,
देवता ही देवता नज़र आते है
इसका कारण है,
नारी की पूजा होती है सदा
और संस्कृत का श्लोक है,
'जस्य नारी पूज्यन्ते,रमन्ति तत्र देवता'
यहाँ नारी को देवी कहा जाता है
और नारी का देवी रूप
,देवताओं को सुहाता है
हमारे देश में नारी का कितना आदर है,
इसी बात से जाना जा सकता है
कि सभी अवतारों को,
साल में एक दिन,
जैसे राम को रामनवमी को,
कृष्ण को,जन्माष्ठमी को,
पूजा जाता है
पर देवी को वर्ष में दो बार,
और वो भी नो नो दिनों के लिए,
नवरात्र में पूजा जाता है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
बस ! अब और नहीं
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बस ! अब और नहीं उलझ गई थी आज़ादी के वक्त समस्या वह सुलझाने वाली है एक
मुल्क जो झूठ की बुनियाद पर खड़ा हुआ चूलें उसकी हिलने वाली हैं छल से लिया
बलूचिस्तान...
1 दिन पहले
व्यंग्य विनोद
जवाब देंहटाएंnari jeevan ka katu sach yahi hai .sarthak post aabhar .
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सार्थक पोस्ट, सादर.
जवाब देंहटाएंबधाई सुन्दर प्रस्तुति ||
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