बचा लो धरती, मेरे राम-
सात अरब लोगों का बोझ, अलग दूसरी दुनिया खोज |
हुआ यहाँ का चक्का जाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 1 !
सिमटे वन घटते संसाधन, अटक गया राशन उत्पादन |
बढ़ते रहते हर दिन दाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 2|
बढे मरुस्थल बाढ़े ताप, धरती सहती मानव पाप |
अब भूकंपन आठों-याम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 3 !
हिमनद मिटे घटेगा पानी, कही बवंडर की मनमानी |
करे सुनामी काम-तमाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 4 !
जीव - जंतु के कई प्रकार, रहा प्रदूषण उनको मार |
दोहन शोषण से कुहराम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 5 !
जहर कीटनाशक का फैले, नाले-नदी-शिखर-तट मैले |
सूक्ष्म तरंगें भी बदनाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 6 !
मारक गैसों की भरमार, करते बम क्षण में संहार |
जला रहा जहरीला घाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 7 !
मानव - अंगों का व्यापार, सत्संगो का सारोकार|
बिगढ़ै पावन तीरथ धाम, बचा लो धरती, मेरे राम ! 8 !
बहुत ही सार्थक रचना |
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