पते की बात
सम्बन्ध
आपस के सम्बन्ध हैं,जैसे 'कार्डियोग्राम '
ऊँचे नीचे यदि रहें ,तो समझो है जान
लाइन अगर सपाट है ,तो फिर लो ये मान
हुए सभी सम्बन्ध मृत ,रही न उनमे जान
घोटू
1462
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रणभेरी
*डॉ. सुरंगमा यादव *
पल में क्या से क्या हो गया, समझ नहीं ये कुछ आया
खुशी रुदन में बदल गई थी, खूनी मंजर था छाया।
अभी सजा सिंदूर माँग में, ...
1 दिन पहले
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