पते की बात
रिश्ते-नाते
ऐसे होते है कुछ नाते
जैसे किसी घडी के कांटे
एक धुरी से बंध कर भी वो ,
बड़ी देर तक ,ना मिल पाते
जुड़े रहते जिंदगी भर
मगर मिलते सिर्फ पलभर
घोटू
उम्र की दस्तक गुनगुना रही है राग मालकोस...
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मैंने तकलीफों को रिश्वत नहीं दी
कोई न्यौता भी नहीं दिया
उनकी जी हजूरी भी नहीं की
फिर भी बैठ गयी हैं आसन जमाकर
जैसे अपने घर के आँगन में
धूप में बैठी स्त...
12 घंटे पहले
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