बृहन्नला-सत्ता
उर्वशी सी जनता ने,
अर्जुन सी सत्ता से ,
बोला मै पीड़ित हूँ,
सुख को लालायित हूँ
अर्जुन ने गठबंधन,
की मजबूरी कह कर
इनकार जब कर दिया
तो उर्वशी ने श्राप दिया
आने वाले दो साल
नपुंसक सा होगा हाल
गठबंधन से डर कर,
बृहन्नला बन कर,
2014 तक कुछ ना कर पाओगे
बस नाचते रह जाओगे
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
तटस्थता अस्तु
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तटस्थता क्या है ?
कहीं बुद्धिमानी
कहीं है स्वार्थ
कहीं चालाकी
कहीं परमार्थ
कहीं निष्क्रिय
कहीं उदासीन
कहीं कुटिल
कहीं पदासीन
कहीं समझौता
कही...
1 घंटे पहले
तीखा करार व्यंग्य जो की वर्तमान पर सीढ़ी चोट कर रहा है|
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