क्या क्या खिलाती है?
न पूछो आप हमसे औरतें क्या क्या खिलाती है
ये खुद गुल है,मगर फिर भी,हजारों गुल खिलाती है
हसीं हैं,चाँद सा चेहरा,ये मेक अप कर खिलाती है
अदा से जब ये चलती है,कमर को बल खिलाती है
ख़ुशी में,प्यार में,जब झूम के ये खिलखिलाती है
चमक आँखों में आ जाती,हमारे दिल खिलाती है
करो शादी अगर तो सात ये फेरे खिलाती है
किसी वीरान घर को भी ,चमन सा ये खिलाती है
पका कर दो वख्त ,ये मर्द को ,खाना खिलाती है
जो बच्चे तंग करते,उनको ,रोज़ाना खिलाती है
कभी गुस्सा खिलाती है,कभी धमकी खिलाती है
जरा सी बात ना मानो,तो बेलन की खिलाती है
कभी होली खिलाती है,कभी गोली खिलाती है
ये कडवे डोज़ भी हमको,बनी भोली खिलाती है
जरा से प्यार के खातिर,कई चक्कर खिलाती है
कभी जूते खिलाती है,कभी चप्पल खिलाती है
हवा ये अच्छे अच्छों को,हवालात की खिलाती है
खुदा! ये खेलती है हमसे या हमको खिलाती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
वृष लग्नवालों के लिए
-
vrish rashifal 2025 in hindi
वृष लग्नवालों के लिए
'गत्यात्मक ज्योतिष' के अनुसार सभी लोग अपने जन्मकालीन ग्रहों के अलावा गोचर
के ग्रहों की गत्यात्मक और स्थै...
3 घंटे पहले
बहुत खूब !!!!!!
जवाब देंहटाएंdhanywad
जवाब देंहटाएं