तुमने जो सहला दिया है
तुमने जो सहला दिया है
मन मेरा बहला दिया है
जरा से ही इशारे में,
बहुत कुछ कहला दिया है
तुम्हारी प्यारी छुवन ने
लगा दी है आग तन में
एक नशा सा छागया है
और मन पगला गया है
जब तुम्हारी सांस महके
जब तुम्हारे होंठ दहके
तुम्हारी कातिल अदायें
तरंगें मन में जगायें
कामनाएं बलवती है
सांस की दूनी गति है
घुमड़ कर घन छा गए है
ह्रदय को तडफा गए है
तुम्हे अब क्या बताएं हम
बड़ा ही बेचैन है मन
अगर बारिश आएगी ना
प्यास ये बुझ पायेगी ना
तुम्हारी इन शोखियों ने,
ह्रदय को दहला दिया है
तुमने जो सहला दिया है
मन मेरा बहला दिया है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
राज्य बार काउंसिल को मौजूदा कानून के तहत राज्य के बार एसोसिएशनों को
उपर्युक्त अवधि के लिए अपने चुनाव स्थगित करने का निर्देश देने का कोई अधिकार
नहीं था -इलाहाबाद हाईकोर्ट -
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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
WRIT-C No.40685 of 2025
Mohd. Arif Siddiqui (Petitioner(s)
Vers
State Of Uttar Pradesh And 5 Others
.....Resp...
22 मिनट पहले
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