एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 5 अगस्त 2020

राम कथा और राम मंदिर

यह सुन्दर प्यारी गाथा ,अवतार पुरुष  श्री राम की
राम लला के मंदिर की और तीर्थ अयोध्या धाम की

त्रेता युग में ,दशरथ के घर ,रामचंद्र अवतार हुआ
लक्ष्मण,भरत  शत्रुघन भाई ,प्रकटे मंगलाचार हुआ
विश्वामित्र आश्रम में जा ,शास्त्र ,शस्त्र शिक्षा पाई
शिव का धनुष तोड़ सीता संग ,व्याह रचाये रघुराई  
राजतिलक दिन माँ केकैयी ,के मन में कुछ त्रास हुआ
राज भरत को , रामचंद्र को ,चौदह वर्ष बनवास हुआ
लखन सिया संग,घूमे वन वन राक्षसगण का हनन किया
साधू वेश धरा  रावण ने ,सीताजी का हरण  किया
भटके सीता की तलाश में ,हनुमान से मिलन हुआ
हनुमान ने सीता खोजी ,और लंका का दहन हुआ
सेतु समंदर पर बांधा और  रावण का संहार किया
लौट अयोध्या रामराज्य में ,जनता का उपकार किया
यह गाथा है मर्यादा पुरुषोत्तम रूप धरे भगवान की
रामलला के मंदिर की और तीर्थ अयोध्या  धाम की
 
वह पावन धरा अयोध्या की ,जहाँ रामलला ने जन्म लिया
मिलकर सभी रामभक्तों ने ,एक मंदिर था निर्माण किया
कालांतर में ,यवनो ने जब ,किया आक्रमण भारत पर
मारकाट की ,लूटपाट की ,तोड़ दिया मंदिर सुन्दर
और उस जगह ,एक बाबरी ,मसजिद निर्मित हुई नयी
ब्रिटिश राज में मंदिर की थी मांग सुनी पर नहीं गयी
आजादी उपरान्त आयी मंदिर आंदोलन लहर नयी
कार सेवकों के हाथों से ,बाबरी मस्जिद ध्वंस हुयी
लम्बी चली लड़ाई कोर्ट में ,अंत फैसला था सुखकर
पांच शतक के बाद राम जी ने पाया ,अपना मंदिर
राम भक्त मोदी के हाथों ,शिलान्यास उस मंदिर का
आज प्रफुल्लित ,कोना कोना ,हर भारतवासी दिल का
आज कामना पूर्ण हो रही ,मंदिर के निर्माण की
रामलला के मंदिर की और तीर्थ अयोध्या धाम की

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-