एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 13 अगस्त 2020

कैसे मनायें पंद्रह अगस्त

कोरोना ने कर दिया त्रस्त
सारा जीवन है अस्तव्यस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त

यह आजादी का पुण्यपर्व ,
हम कैद मगर बैठें है घर
ले सकते खुलकर सांस नहीं ,
पट्टी है बंधी हुई मुंह पर
प्रतिबंध लगे इतने हम पर ,
हम बुरी तरह हो गए पस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त

कंधे से कंधा मिला साथ ,
ना चल सकते ,ना करे काम
कम से कम दो गज दूरी की ,
है लगी हुई हम पर लगाम
सब मेलजोल अब बंद हुआ ,
भाईचारा हो गया ध्वस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त

ना समारोह ,कोई उत्सव ,
ना खेलकूद की आजादी
हो गए दबा सा ,घुटन भरा ,
जीवन जीने के हम आदी
त्योंहार ,धार्मिक पर्वों पर ,
भी पाबंदी है जबरजस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त

एक तरफ चीन है उत्तर में ,
झगड़ा करने ,बैठा तैयार
एक तरफ पाक के आतंकी ,
घुसपैठ कर रहे बार बार
दंगों से बाज नहीं आते ,
घर में बैठे फिरकापरस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

2 टिप्‍पणियां:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-