हम मनमानी नहीं करेंगे ,बोलो अब खुश हो ना
कुछ शैतानी ,नहीं करेंगे ,बोलो अब खुश हो ना
तुम्हारा हर कहा,हमेशा ,सर ,आँखों पर लेंगे ,
आनाकानी नहीं करेंगे, बोलो अब खुश हो ना
मज़ा हमे आता है तुमसे ,छेड़छाड़ करने में ,
छेड़ाखानी नहीं करेंगे, बोलो अब खुश हो ना
मन बहलाने ,इधर उधर ना ताकेंगे,झांकेंगे ,
कारस्तानी नहीं करेंगे,बोलो अब खुश हो ना
तुम्हारी मुस्कान ,हमारी यही जमा पूँजी है ,
वो बेगानी नहीं करेंगे ,बोलो अब खुश हो ना
मै तुम्हारी बातें मानूँ ,और तुम मेरी मानो,
जीने में होगी आसानी ,बोलो अब खुश हो ना
तुम पतवार और मै मांझी,मिलकर पार करेंगे,
जीवन की दरिया तूफानी ,बोलो अब खुश हो ना
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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