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सोमवार, 22 जून 2015

थोड़ा सा खुदगर्ज होना चाहिए

     थोड़ा सा खुदगर्ज होना चाहिए

ख्याल रखना ,अपना और परिवार का,
                     आदमी का फ़र्ज़  होना  चाहिए
किन्तु अपनों के भले के वास्ते ,
                         औरों का ना हर्ज़ होना  चाहिए
तरक्की हर एक जो अपनी करे,
                        तभी तो होगी तरक्की कौम की,
अपना अपना ख्याल जो रख्खें सभी,       
                            दूर सारे मर्ज़ होना चाहिए
 है हसीना ,खूबसूरत,नाज़नी ,
                              अगर अपनी जो बनाना है उसे
मिलेगी ,पर पटाने के वास्ते ,
                              कुछ तरीके,तर्ज  होना चाहिए
आप अपना फायदा जो सोचते ,
                                तो  बुराई इसमें है  कुछ भी नहीं,
तरक्की के वास्ते इंसान को ,
                               थोड़ा सा खुदगर्ज  होना चाहिए

मदन मोहन बाहेती  'घोटू'

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