शिकायत
बड़ी बड़ी दावतों में जाना
और जम कर पीना,खाना
तरह तरह के पकवानों का,
लेते लेते स्वाद
आदमी इतना डट कर खा लेता है,
कि खाने पीने के बाद
डकारें लेता है,पेट सहलाता है
घर आते ही बिस्तर पर,
गिरता ,सो जाता है
ये सच है,दावत खाने के बाद,
आदमी किसी भी काम का नहीं रह जाता है
मदन मोहन बहेती'घोटू'
यादों का झरोखा - १८ - स्व. कुंजबिहारी मिश्रा
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*स्व. कुंजबिहारी मिश्रा दीक्षित परिवार के भानजे थे केशवलाल दीक्षित जी और
बृजबिहारी दीक्षित के चचेरे भाई मदनलाल दीक्षित उनके सगे मामा होते थे. बहन
शारदा ( ...
3 घंटे पहले