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बुधवार, 13 जून 2012

आज एसा क्या हुआ है

आज एसा  क्या हुआ है

आज  एसा  क्या हुआ है, मन मचलने लग गया है


आपने तिरछी नज़र से ,सिर्फ  देखा  भर हमें  है

उठ रहा क्यों ज्वार दिल में,बढ़ गयी क्यों धड़कने है
बिजलियाँ ऐसी गिरी है,   आग तन में लग गयी है
प्रीत के उस मधु मिलन की,आस मन में जग गयी है
बहुत ही बेचेन है मन ,  बदन जलने लग गया है
आज एसा क्या हुआ है ,मन मचलने लग गया  है
कर गयी है हाल एसा,जब मधुर चितवन तुम्हारी
गज़ब कितना ढायेगी फिर,रेशमी छूवन  तुम्हारी
रस भरे लब ,मधुर चुम्बन दे ,मचा उत्पात देंगे
थिरकता तन,सांस के स्वर,जुगल बंदी,साथ देंगे
नयन में ,मादक पलों का,सपन पलने लग गया है
आज एसा क्या हुआ है. मन मचलने लग गया  है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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