नाम पर मत जाओ
सूर है सूरज में,सूर याने चक्षु हीन,
सबको पथ दिखलाता,जग मग कर के जगती
सूरज में रज भी है,रज याने धूलि कण,
जा न सके सूरज तक, बहुत दूर है धरती
इसीलिये कहता हूँ,नाम पर मत जाओ,
डंक बड़ा चुभता है,पर बजता है डंका
नाम भ्रमित करते है,माला के दाने का,
वजन एक माशा है,पर कहलाता मनका
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
लंगड़ा आम की विदेश-यात्रा
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(एक हास्य-प्रधान लेख)➖➖➖➖➖➖-डॉ. डंडा लखनवी ➖➖➖➖➖लंगड़ा आम को आम समझना, आम
की तौहीन है। उसका नाम भले ही ‘लंगड़ा’ हो, पर ठाठ-बाट में वह किसी महाराजा से
कम नह...
6 घंटे पहले
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