सशक्त नारी -बिगड़ता समाज
-
आख़िरकार वही हुआ जो बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था. आज तक पुरुष पर दरिंदगी के
आरोप लगते रहे किन्तु आज की भारतीय नारी ने पिछले कुछ समय से यह साबित करके
दिख...
11 घंटे पहले
सार्थक सन्देश देती रचना .दिखावे पर प्रहार करती .होली मुबारक . भाई पुतली बाई प्रतीक बड़ा सही उठाया .
जवाब देंहटाएं